आज तय होगा सुप्रीम कोर्ट का रुख, सीबीआइ अफसर, जल्द चाहते हैं...

आज तय होगा सुप्रीम कोर्ट का रुख, सीबीआइ अफसर, जल्द चाहते हैं फैसला।

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सीबीआइ के अधिकारी आलोक वर्मा के वापस आने और नहीं आने के कयासों के बीच असमंजस की स्थिति में है और कोई ही अहम कदम उठाने से बच रहे हैं।

सीबीआइ के अधिकारी आलोक वर्मा विवाद का जल्द निपटारा चाहते हैं। उनके अनुसार आलोक वर्मा का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने की वजह से सीबीआइ में कामकाज पर असर पड़ रहा है।

सीबीआइ के अधिकारी आलोक वर्मा के वापस आने और नहीं आने के कयासों के बीच असमंजस की स्थिति में है और कोई ही अहम कदम उठाने से बच रहे हैं। गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट में आलोक वर्मा के मामले की सुनवाई है।

सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को जल्द से जल्द से आलोक वर्मा के मामले पर फैसला सुना देना चाहिए। चाहे उनके खिलाफ आगे की जांच हो या फिर उन्हें फिर से निदेशक का कार्यभार सौंपा जाना हो, जो भी हो तत्काल हो जाए।

एक महीने से अधिक समय से यह मामला अधर में लटका हुआ है। अधिकारियों को समझ में नहीं आ रहा है कि आलोक वर्मा वापस आएंगे या नहीं। वहीं मौजूदा अंतरिम निदेशक टी नागेश्वर राव पर भी कोई भी नीतिगत फैसला लेने पर सुप्रीम कोर्ट में रोक लगा रखी है।

ऐसे में सीबीआइ का कोई भी अधिकारी आरोपियों को समन करने से लेकर गिरफ्तार करने तक के फैसला लेने हिचक रहा है और उसे आगे टाल रहा है।

सीवीसी ने अपनी रिपोर्ट में आलोक वर्मा के खिलाफ आरोपों की आगे गहराई से जांच से जरूरत बताई है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आलोक वर्मा से सफाई देने को कहा था। आलोक वर्मा की ओर से जवाब भी दाखिल किया जा चुका है।

ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के लिए फैसला सुनाने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। यदि सुप्रीम कोर्ट सीवीसी की रिपोर्ट के आधार पर आलोक वर्मा के खिलाफ आरोपों की आगे की जांच का आदेश देता है, तो आलोक वर्मा की वापसी मुश्किल हो जाएगी।

वर्मा के जवाब से आज तय होगा कोर्ट का रुख
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली खंडपीठ गुरुवार को सीबीआइ के निदेशक आलोक वर्मा के रिश्वतखोरी के मामले में उनके सीलबंद जवाब के बाद अपना रुख तय कर सकती है। वर्मा से यह जवाब सीवीसी की प्रारंभिक जांच के नतीजों पर मांगा गया था।

गुरुवार को ही सुप्रीम कोर्ट की यह खंडपीठ सीबीआइ के कार्यकारी निदेशक एम.नागेश्वर राव की सीलबंद रिपोर्ट पर भी विचार कर सकती है। यह रिपोर्ट राव के विगत 23 अक्टूबर से 26 अक्टूबर तक सीबीआइ के नियमित कामकाज में लिए गए फैसलों का लेखा-जोखा है।

इसके अलावा, अदालत गैर सरकारी संगठन कॉमनकॉज की जनहित याचिका पर भी सुनवाई कर सकती है जिसमें सीबीआइ अफसरों के खिलाफ एसआइटी के गठन की मांग की गई है।