नेता भले हों बेईमान लेकिन मेरा भारत महान।

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आरटीआई एक्टिविस्ट पी पी कपूर ने गत 8 अक्टूबर को पूर्व विधायकों की पेंशन की राशि जानने के लिए हरियाणा विधानसभा में आरटीआई लगाई थी। इस विषय में विधानसभा सचिवालय के राज्य जन सूचना अधिकारी एवं सीनियर लॉ ऑफिसर शोभित शर्मा ने 30 अक्टूबर को पत्र द्वारा सूचनाएं भेजी, जिससे खुलासा हुअा कि *हरियाणा के कुल 262 पूर्व विधायकों की मासिक पेंशन पर प्रति वर्ष ₹22.93 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं।*

कपूर ने बताया कि पिछले 5 वर्षों में पूर्व विधायकों की मासिक पेंशन में दो सौ प्रतिशत से ज्यादा तक की वृद्धि की गई है। जहां *पांच वर्ष पहले इनकी न्यूनतम मासिक पेंशन ₹20,250 प्रति माह* थी, वहीं *अब यह न्यूनतम मासिक पेंशन ₹51,750* हो चुकी है। कुल *161 पूर्व विधायकों को ₹51,750 मासिक पेंशन दी जा रही है, जबकि 39 पूर्व विधायकों को ₹90,543 प्रति माह पेंशन* मिल रही है।

जेल में बंद हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला को हर माह ₹2.22 लाख पेंशन बतौर पूर्व विधायक दी जा रही है। जेल में ही बंद अजय चौटाला को ₹51,750 पैंशन मिल रही है। पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल की विधवा जसमा देवी को डबल पैंशन मिल रही है। खुद पूर्व विधायक होने के नाते जसमा देवी को ₹51,750 प्रति माह तथा पूर्व मुख्यमंत्री की विधवा होने के नाते ₹99,619 प्रति माह पारिवारिक पैंशन मिल रही है।

विश्व के सबसे अधिक धनी उद्योगपतियों की सूची में शामिल व जिन्दल ग्रुप की चेयरपर्सन सावित्री जिंदल को प्रति माह ₹90,563 पैंशन मिल रही है, जबकि वह ₹642 अरब या $8.8 अरब की सम्पति की मालिक भी हैं।

इसके अलावा सर्वाधिक मासिक पेंशन ₹2.38 लाख रेवाड़ी के पूर्व विधायक कैप्टन अजय सिंह यादव ले रहे हैं। पेंशन धारकों में पूर्व विधायक चन्द्रावती ₹2,22525, प्रो0 सम्पत सिंह ₹2,14, 763, ऐलनाबाद के पूर्व विधायक भागीराम ₹1,91,475, शमशेर सिंह सुरजेवाला ₹1,75,950, अशोक अरोड़ा ₹1,60,425, हरमोहिन्द्र सिंह चट्ठा ₹1,60,425, चन्द्रमोहन बिश्नोई ₹1,52,663, धर्मवीर गाबा ₹1,52, 663, खुर्शीद अहमद ₹1,52,663, फूलचंद मुलाना ₹1,68,188, मांगेराम गुप्ता ₹1,68,188, शकुंतला भगवाडिय़ा ₹1,68,188, बलबीरपाल शाह ₹2,07,000, सतबीर कादियान ₹1,29,375, स्वामी अग्निवेश ₹51,750, शारदा रानी ₹1,37,138, देवीदास सोनीपत ₹1,21,613, दिल्लू राम कैथल ₹1,13,850, कमला वर्मा ₹1,13,850, कंवल सिंह हिसार ₹1,21,613, निर्मल सिंह अंबाला ₹1,52,663, मोहम्मद इलयास ₹1,37,138, प्रति माह शामिल हैं। कुल 262 पूर्व विधायकों को पेंशन दी जा रही है।

कपूर ने बताया कि पारिवारिक पेंशन योजना के तहत कुल दिवंगत 129 पूर्व विधायकों की पत्नियों पर कुल ₹3.15 करोड़ वार्षिक खर्च किया जा रहा है। पांच वर्षों में इस पारिवारिक पेंशन में दो सौ प्रतिशत वृद्धि की गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल की विधवा जसमा देवी ₹99,619, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र हुड्डा की माता हरदेवी विधवा रणवीर हुड्डा ₹23,288, पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा की माता शारदा रानी विधवा प० चिरंजीलाल ₹34,931, प्रभात शोभा पंडित विधवा प्रभात शेर सिंह ₹51,750, पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की पुत्रवधु किरण चौधरी विधवा सुरेन्द्र सिंह ₹12,937 मासिक पैंशन ले रही हैं।

पांच वर्ष पूर्व विधायकों की विधवाओं की न्यूनतम मासिक पारिवारिक पेंशन ₹6750 प्रति माह थी। इसे अब न्यूनतम ₹12,937 किया जा चुका है।

आप समझ सकते हैं कि इन विधायकों ने सभी सुख-सुविधाएं, मोटे वेतन, पैंशन अपने लिए रख लिए जबकि अपना सारा जीवन देश के विकास व निर्माण में खपा देने वाले मजदूरों, किसानों, आम नागरिकों को पेंशन के नाम पर झुनझुना पकड़ाया जाता है। एक ओर जहां आम नागरिकों से सिलेंडर की सब्सिडी ना लेने की सरकार अपील कर रही है वहीं ये पूर्व विधायक इतनी भारी भरकम पेंशन ले रहे हैं।

रोडवेज की बसों के लिए पैसे की कमी का बहाना बताकर रोडवेज का निजीकरण किया जा रहा है लेकिन पूर्व विधायकों की पेंशन के लिए पैसे की कमी नहीं है। कपूर ने कहा कि साधन सम्पन्न पूर्व विधायकों को स्वेच्छा से इन भारी भरकम पेंशनों का परित्याग करके आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए। इन पेंशनों को तत्काल बंद किया जाना चाहिए।

*ध्यातव्य यह है कि भारतीय संविधान में जन प्रतिनिधि की पेंशन की कोई व्यवस्था ही नहीं कि गयी थी। अपने फायदे के लिए नेतागण ने इसके लिए भी चुपके से एक अध्यादेश ला डाला और नागरिकों के सरकारी खजाने से अपना और अपनी आने वाली पुश्तों का प्रबंध करने लगे।*

जबकि एक आम गरीब विधवा वृद्धा को आज भी ₹800 पेंशन प्रति माह मिलती है और वो भी हर 6 माह बाद।

तो मुझे जय हो का वो कटाक्ष याद आ गया कि *अपना काम बनता, भाड़ में जाये जनता। गूंगे बहरों की नगरी, कौन किसी की सुनता।*