बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने दी पॉलिटिक्स की एक नई...

बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने दी पॉलिटिक्स की एक नई परिभाषा।

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बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की राजनीति करने के तरीके पर हमला किया है। एक कार्यक्रम ‘बैठक’ में बीजेपी अध्यक्ष ने राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए हो रहे चुनाव को लेकर यह बात कही।

उपसभापति के लिए हो रहे चुनाव के मद्देनजर जब अमित शाह से आम सहमति के आधार पर चुनाव नहीं होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने साफ-साफ शब्दों में कहा कि राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद अब सहमति खत्म हो गई है। बीजेपी अध्यक्ष ने दावा किया कि एनडीए की तरफ से उपसभापति पद के उम्मीदवार जेडीयू सांसद हरिवंश बाबू की ही जीत होगी।

कार्यक्रम के दौरान बीजेपी अध्यक्ष ने मौजूदा राजनीतिक हालात और आगामी विधानसभा और फिर लोकसभा चुनाव को लेकर भी खुलकर अपनी बात कही। बीजेपी अध्यक्ष ने एक बार फिर दोहराया कि 2019 का लोकसभा चुनाव तय समय पर ही होगा।

इस बात के कयास लगाए जाते रहे हैं कि अक्टूबर-नवंबर में ही कहीं मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के साथ-साथ विधानसभा का चुनाव न करा दिया जाए। लेकिन, शाह ने इन तमाम अटकलों को खारिज कर दिया।

अक्सर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बनारस से ही अगला चुनाव लड़े जाने को लेकर अटकलें लगती रहती हैं। लेकिन, अमित शाह ने इन अटकलों को खारिज करते हुए साफ कर दिया है कि 2014 की तरह मोदी अगला लोकसभा चुनाव भी बनारस से ही लड़ेंगे।

दरअसल, बीजेपी के खिलाफ सभी विपक्षी दल लामबंद हो रहे हैं। इन विपक्षी दलों की कोशिश बीजेपी के खिलाफ अलग-अलग राज्यों में मजबूत महागठबंधन बनाने की है।

खासतौर से यूपी में एसपी-बीएसपी-आरएलडी और कांग्रेस का गठबंधऩ होता है तो उस परिस्थिति में बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

गोरखपुर, फूलपुर और कैराना लोकसभा के उपचुनाव में बीजेपी के हाथ से तीनों सीटें निकल जाने के बाद पार्टी के लिए 2019 के लोकसभा चुनाव में मुश्किलें हो सकती हैं।

लेकिन, बीजेपी अध्यक्ष सभी विपक्षी दलों के महागठबंधन के बावजूद अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। अमित शाह ने कहा ‘पॉलिटिक्स फिजिक्स से नहीं, बल्कि केमिस्ट्री से चलती है।’

शाह ने यूपी विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी और अखिलेश यादव के साथ आने और उस वक्त यूपी के लड़के वाले नारे की याद दिलाते हुए कहा कि उस वक्त क्या हुआ उस दावे का ?

मॉब लिंचिंग की घटना को लेकर भी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने बीजेपी की सरकारों का खूब बचाव किया। शाह ने दावा किया कि ‘मॉब लिंचिंग की घटना के बाद व्यक्तिगत तौर पर लोगों के खिलाफ एफआईआर कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

कानून-व्यवस्था के मामले में बीजेपी की सरकारों के काम का हवाला देते हुए अमित शाह ने यूपी का जिक्र किया जहां योगी सरकार आने के बाद गुंडा राज खत्म हो गया है।

एनआरसी का मुद्दा इस वक्त काफी अहम हो गया है। बीजेपी इस मुद्दे को खुलकर उठा रही है। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कार्यक्रम के दौरान विपक्षी दलों को घेरने की पूरी कोशिश की। उन्होंने कांग्रेस और टीएमसी समेत सभी विपक्षी दलों से इस मुद्दे पर अपना स्टैंड साफ करने को कहा।

खासतौर से उनके निशाने पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी रहे। शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से इस मुद्दे पर पार्टी का स्टैंड साफ करने की मांग की। दरअसल, एनआरसी का मुद्दा इस वक्त कांग्रेस के लिए गले की हड्डी बन गया है।

कांग्रेस ने जिस तरह पहले इस मुद्दे पर विरोध का सुर अलापा, उसके बाद इस मुद्दे पर असम समेत पूरे नॉर्थ-ईस्ट में उसके लिए यह मामला ही उल्टा पड़ता दिखा। अब जाकर डैमेज कंट्रोल की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस ने अपने पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई को आगे करने की कोशिश की है।

लेकिन, बीजेपी ने इस मुद्दे को लपक लिया है। अब और आक्रामक होकर अमित शाह ने चालीस लाख घुसपैठियों के मुद्दे को उठाना शुरू कर दिया है।

शाह बार-बार यही कह रहे हैं कि असम समझौता राजीव गांधी ने ही साइन किया था, लेकिन, कांग्रेस ने इस पर आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं दिखाई। लेकिन, बीजेपी ने इस पर आगे बढने की हिम्मत दिखाई है।

बीजेपी अध्यक्ष ने पूरे कार्यक्रम के दौरान मोदी सरकार के कार्यकाल में हुए काम को गिनाया। एक-एक कर उपलब्धियों की चर्चा की। रोजगार के मुद्दे पर भी सफलता को गिनाया। लेकिन, उनकी आक्रामकता से साफ था कि बीजेपी पूरी तरह से 2019 से पहले चुनावी मोड में आ गई है।

बीजेपी मोदी सरकार की उपलब्धियों को गिनाने के अलावा अपने संगठन को मजबूत करने और विपक्ष पर हमलावर होने की रणनीति पर काम कर रही है।