खुशखबरी : आईं नौकरियों की भरमार।

खुशखबरी : आईं नौकरियों की भरमार।

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रिलायंस जियो की एंट्री के बाद बाकी टेलीकॉम कंपनियों की हालत पतली है। ग्राहकों को जोड़े रखना और कीमतें न बढ़ाने के कारण कंपनियों को बहुत नुकसान उठाना पड़ रहा है। बीते दिनों आइडिया और वोडाफोन को एक होना पड़ा, ताकि वह मार्केट में अपनी साख बचाए रख सके।

आने वाले कुछ समय में भारतीय टेलीकॉम इंडस्ट्री में हाहाकार मच सकता है। इकनॉमिक टाइम्स ने टीमलीज सर्विस के हवाले से बताया कि अगले 5 महीने में इंडस्ट्री में 65 हजार लोगों की नौकरियां जा सकती हैं। कंपनी का कहना है कि ज्यादातर नौकरियां कस्टमर सपोर्ट और वित्त से जुड़े कामों में जाएंगी।

सिर्फ इन दोनों पेशों में ही करीब 15000 नौकरियां जाएंगी। रिलायंस जियो की एंट्री के बाद टेलीकॉम मार्केट में उथल-पुथल मच गया है, जिसके बाद प्रतिस्पर्धा और भी कड़ी हो गई है। इसका सीधा असर राजस्व पर पड़ा है।

ग्राहकों को बनाए रखना और कीमतों को कम रखने के प्रेशर ने पहले ही बड़ी-बड़ी टेलीकॉम कंपनियों की पूंजी को सीमित कर दिया है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक रिलायंस जियो को छोड़कर सभी कंपनियों के बजट पर बुरा असर पड़ा है। टीमलीज ने कहा कि अन्य क्षेत्रों जैसे प्रोजेक्ट मैनेजमेंट और आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर में नौकरियां बढ़ेंगी।

रिक्रूटमेंट फर्म रैंडस्टेड इंडिया के अधिकारियों ने भी टेलीकॉम सेक्टर में नौकरियां जाने की संभावना जताई है। कंपनी के चीफ एग्जीक्युटिव पॉल दुपुइस ने कहा, ”2019 में चकबंदी गतिविधियों के कारण इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स और टेलीकॉम सेक्टर में काम करने वाले 60-75 हजार लोगों की नौकरियों पर असर पड़ेगा”।

इंडस्ट्री की जानकारी रखने वालों ने कहा कि साल 2016 से अब तक इस सेक्टर में 1.5 लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं। जेफेनो के को-फाउंडर कमल करांथ ने कहा, कंपनियों द्वारा खर्चे घटाने के कारण इस सेक्टर में 50-70 हजार लोगों ने नौकरियां गंवाई हैं।

उन्होंने कहा, अगर कुछ टेलीकॉम प्रोवाइडर्स द्वारा मुहैया कराए गए बिजनेस पर निर्भर अप्रत्यक्ष नौकरियों को जोड़ दिया जाए तो यह आंकड़ा 1.25-1.50 लाख तक पहुंच जाएगा।