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बिहार में मतगणना प्रक्रिया पर विपक्ष ने उठाये सवाल तो आयोग ने दिया ये जवाब

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बिहार में मतगणना प्रक्रिया पर विपक्ष ने उठाये सवाल तो आयोग ने दिया ये जवाब

बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एचआर श्रीनिवास ने बिहार विधानसभा आम चुनाव, 2020 को लेकर मतगणना की प्रक्रिया को पूरी तरह से निष्पक्ष बताया। कहा कि किसी भी प्रत्याशी द्वारा मांग किए जाने पर मतगणना से जुड़े दस्तावेज व वीडियो फुटेज इत्यादि उपलब्ध करा दिए जाएंगे। श्रीनिवास गुरुवार को निर्वाचन विभाग में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने बताया कि 11 विधानसभा क्षेत्रों में एक हजार से कम वोटों के अंतर से हार-जीत का निर्णय हुआ। इन सीटों में चार पर जदयू, तीन पर राजद, एक पर लोजपा, एक पर भाजपा, एक पर सीपीआई व एक पर निर्दलीय प्रत्याशी की जीत हुई है। इस प्रकार, इनमें सभी प्रमुख दल शामिल हैं। इनमें एकमात्र हिलसा में 12 वोटों के अंतर से हार-जीत हुई, जहां प्रत्याशी की मांग पर पुनर्मतगणना कराई गई। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के निर्देशानुसार वोटों का अंतर रद्द किए गए पोस्टल बैलेट से कम होने पर ही रद्द किए गए पोस्टल बैलेट की पुनर्मतगणना कराने का प्रावधान है। हिलसा में रद्द किए गए वोटों से वोटों का अंतर कम होने के कारण निर्वाची पदाधिकारी द्वारा सभी पोस्टल बैलेट की पुनर्मतगणना करायी गयी और इसके बाद भी नतीजा वही आया।

श्रीनिवास ने बताया कि 11 में छह विधानसभा क्षेत्रों में पुनर्मतगणना की मांग की गयी थी। इनमें हिलसा को छोड़कर अन्य पांच निर्वाचन क्षेत्रों रामगढ़, मटिहानी, भोरे, डेहरी एवं परबत्ता में रद्द किए गए पोस्टल वोट से जीत-हार के वोटों का अंतर अधिक होने के कारण पुनर्मतगणना की मांग को निर्वाची पदाधिकारी द्वारा अस्वीकृत कर दिया गया।

सांसद के मतगणना केन्द्र में प्रवेश से इनकार किया
श्रीनिवास ने भोरे (सु) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के मतगणना स्थल पर जदयू सांसद आलोक कुमार सुमन के प्रवेश करने से इनकार किया और भाकपा माले के आरोपों से इनकार किए जाने को लेकर वहां के निर्वाची पदाधिकारी द्वारा आरोपों को निराधार व असत्य बनाने से जुड़े दस्तावेज को सार्वजनिक किया। उन्होंने डेहरी निर्वाचन क्षेत्र में निर्वाची पदाधिकारी द्वारा वीडियोग्राफी के साथ ही नियमानुसार मतगणना कराने की जानकारी दी और बताया कि मतगणना के दौरान कोई आपत्ति नहीं जतायी गयी। मतगणना के बाद आपत्ति जतायी गयी जबकि निर्वाची पदाधिकारी द्वारा आरोपों को तथ्यहीन एवं अतार्किक करार दिया।

सभी चुनाव क्षेत्रों में पोस्टल बैलेट की गिनती पहले शुरू हुई
श्रीनिवास ने पोस्टल बैलेट की गिनती पहले नहीं शुरू होने से जुड़े प्रश्न पर कहा कि सभी निर्वाचन क्षेत्रों की मतगणना के दौरान पहले पोस्टल बैलेट की जांच शुरू हुई। उन्होंने बताया कि पोस्टल बैलेट की गिनती शुरू होने के आधे घंटे बाद नियमानुसार ईवीएम वोटों की भी गिनती शुरू की गयी। कई क्षेत्रों में पोस्टल बैलेट की गिनती व ईवीएम वोटों की गिनती साथ-साथ जारी रही। दोनों की गणना की वीडियोग्राफी करायी गयी है और पूरी प्रक्रिया पर माइक्रो ऑब्जर्बर व प्रत्याशियों के अभिकर्ताओं की नजर थी।