राफेल डील पर सामने आई सीएजी की चौंकाने वाली रिपोर्ट।

राफेल डील पर सामने आई सीएजी की चौंकाने वाली रिपोर्ट।

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सीएजी रिपोर्ट में राफेल डील पर संसद में बुधवार को भी जमकर हंगामा मचा। रिपोर्ट में राहुल गांधी के आरोपों समेत केंद्र सरकार के दावों तक को खारिज कर दिया गया है।

राफेल डील पर देश में लंबे समय से राजनीतिक खींचतान मची हुई है। मोदी सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में कैग की रिपोर्ट पेश की।

इसमें राफेल डील से जुड़ी जानकारियां भी शामिल की गई हैं। राज्यसभा में कैग रिपोर्ट पेश होते ही विपक्ष ने राफेल डील की गलत जानकारियों का आरोप लगाते हुए विरोध करना शुरू कर दिया।

दरअसल कैग की इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यूपीए सरकार के मुकाबले एनडीए सरकार में राफेल सौदा काफी सस्ती कीमत पर किया गया है। हालांकि रिपोर्ट में विमान की कीमत का जिक्र नहीं किया गया है।

विपक्ष और विशेष तौर पर कांग्रेस लगातार सरकार से राफेल डील में कीमतों का खुलासा करने का दबाव बना रही है। राहुल गांधी राफेल डील को लेकर लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत पूरी सरकार पर हमला कर रहे हैं।

ऐसे में कैग रिपोर्ट में बिना कीमतों का जिक्र किए हुए जब डील को सस्ता बताया गया तो विपक्ष ने हंगामा खड़ा कर दिया। विपक्ष ने कैग रिपोर्ट में गलत जानकारी देने का आरोप लगाया।

हालांकि, इस रिपोर्ट में एनडीए सरकार के उस दावे को भी खारिज कर दिया गया, जिसमें कहा गया था कि मौजूदा सरकार ने पिछली सरकार के मुकाबले नौ फीसद सस्ती डील की है।

कैग रिपोर्ट से आपको ये जानने में मदद मिलेगी कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा लगाए जा रहे आरोप कितने सही हैं। आइये जानते हैं कैग रिपोर्ट में राफेल डील पर राफेल डील में कही गईं महत्वपूर्ण बातें।

1. CAG रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा सरकार, पिछली सरकार से 2.86 फीसद कम कीमत पर राफेल विमान खरीद रही है।

2. उड़ने लायक तैयार विमान की कीमत उतनी ही है, जितनी पिछली सरकार में थी।

3. कैग रिपोर्ट में राफेल विमान की कीमत का खुलासा नहीं किया गया है।

4. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 36 विमानों की मौजूदा डील में पिछली सरकार के 126 विमानों की डील के मुकाबले तकरीबन 17.08 फीसद रुपये बचे हैं।

5. रिपोर्ट में ये भी बात कही गई है कि रक्षा मंत्रालय को कई हिस्सों में इस डील को फाइनल करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है।

6. मौजूदा डील में विमान की डिलीवरी का समय भी एक महीने घटकर 71 माह रह गया है, जो पिछली सरकार की डील में 72 महीने था।

7. पहले 18 राफेल विमान पिछली सरकार की डील के मुकाबले पांच माह पहले भारत को मिल जाएंगे।

8. सरकार का वह दावा गलत है जिसमें राफेल विमान को पिछले सरकार के मुकाबले नौ फीसद सस्ता खरीदने की बात कही गई थी।

9. नई डील में विमान की बेसिक कीमत नौ फीसद कम होने का दावा वर्ष 2007 में 126 विमानों के लिए बताई गई कीमतों की तुलना में कम है।

10. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत विपक्ष ने एक सुर में कैग रिपोर्ट में राफेल डील पर बताए गए तथ्यों को गलत बताते हुए खारिज कर दिया।

11. कैग रिपोर्ट में राफेल डील के साथ भारतीय वायुसेना से संबंधित 11 रक्षा सौदों का ऑडिट किया गया है।

12. सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में राफेल डील के लिए एक तुलनात्मक मूल्यांकन किया है।

13. कांग्रेस का आरोप है कि कैग प्रमुख राजीव महर्षि डील के वक्त सरकार में फाइनेंस सेक्रेटरी थे। इसलिए वह सरकार को बचाना चाहते हैं।