26/11 की बरसी पर अमेरिका का बड़ा खुलासा।

26/11 की बरसी पर अमेरिका का बड़ा खुलासा।

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भारत पर पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों द्वारा 26/11 जैसा अगर एक और हमला होता है तो यह क्षेत्रीय युद्ध की बड़ी वजह बन सकता है। ब्रूकिंग इंटेलिजेंस प्रोजेक्ट के निदेशक और सीनियर फेलो ब्रूस रिडल ने मुंबई हमले की 10वीं बरसी से पहले यह चेतावनी जारी की है।

केंद्रीय जांच एजेंसी के पूर्व अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान में हमले के दोषियों को सजा मिलना असंभव है। ऐसे में एक और हमला दक्षिण एशिया की शांति के लिए खतरा साबित हो सकता है।

अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रहे हुसैन हक्कानी ने भी कहा है कि अगर पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों की तरफ से मुंबई जैसा हमला होता है तो स्थिति को कैसे नियंत्रित किया जाएगा, इस पर भविष्यवाणी नहीं की जा सकती।

हडसन इंस्टीट्यूट में दक्षिण और मध्य एशिया के निदेशक हक्कानी ने कहा कि पाकिस्तान को मुंबई हमले के मास्टरमाइंड के संबंध में किए गए अपने वादे पर अमल करना चाहिए। हमले के मास्टरमाइंड का खुलेआम घूमना यह दिखाता है कि पाकिस्तान हमले के जिम्मेदार आतंकियों को सजा देने के प्रति गंभीर नहीं है।

हमले के समय व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में दक्षिण एशिया मामलों के निदेशक रहे अनीश गोयल ने कहा कि हमले के बाद हमारा पहला उद्देश्य दोनों देशों के बीच युद्ध टालना था। यह ठीक है कि उस समय के भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर कड़ी कार्रवाई का दबाव था, लेकिन तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जार्ज बुश और विदेश मंत्री कोंडोलिजा राइस के प्रयासों से यह किसी तरह टाला जा सका।

ओबामा प्रशासन में वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस समय अगर मुंबई जैसा कोई हमला होता है तो यह तुरंत ही क्षेत्रीय युद्ध में बदल जाएगा। इसके पीछे की बड़ी वजह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस्लामाबाद के खिलाफ कड़ा रुख है। पहचान गुप्त रखते हुए अधिकारी ने कहा कि अगर ऐसी स्थिति आती है तो क्या बुश प्रशासन की तरह ट्रंप मोदी से संयम रखने की अपील कर सकेंगे। हो सकता है कि ट्रंप प्रशासन के उनके पलटवार को सही बताने के साथ ही उनकी मदद भी करे।