Pitru Paksha 2022 : पितृ दोष का होता है भयंकर असर, जानें कैसे होते हैं लक्षण
ज्योतिर्विद प्रीतिका मजूमदार के अनुसार जिनकी कुंडली में पितृ दोष होता है उन पर भयानक असर डालता है।
ज्योतिर्विद प्रीतिका मजूमदार के अनुसार शास्त्रों में देवताओं के कार्य की अपेक्षा पितरों के कार्य को विशिष्ट माना गया है. इसलिए देवताओं की पूजा से पहले पितरों का कार्य करना चाहिए. पितरों के कार्य को ही ‘श्राद्ध कर्म’, ‘पितृ कर्म’, ‘पितृ पूजा’ या ‘पितर पूजा’ कहते हैं . पितरों के निमित्त तर्पण और श्राद्ध आदि करना ‘पितृ यज्ञ’ कहलाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं जिनकी कुंडली में पितृ दोष होता है उनपर कितना भयानक असर डालता है. घर में पितृ दोष होगा तो घर के बच्चे की शिक्षा , दिमाग , बाल ,व्यवहार पर अच्छा प्रभाव नहीं पड़ता.जिन जातकों को पितृ दोष होता है उनके लिए इस दिन का बहुत महत्व है. बहुत से कारण होते है की हमारे अपने पितरों से सम्बन्ध अच्छे नहीं हो पाते. जिससे आपके जीवन में रुकावटें , परेशानियां आती हैं. इसीलिए इस दिन की गयी पूजा आपको लाभ पंहुचा सकती है.पितृ दोष कहीं न कहीं अनेको दोषों को उत्पन्न करने वाला होता है जैसे की वंश न बढ़ने का दोष , असफलता मिलने का दोष , बाधा दोष और भी बहुत कुछ. इसलिए इन दिनों में की गयी पूजा और तर्पण अगर विधि विधान और मन लगाकर किया जाए तो अच्छे फल देने वाली सिद्ध होती है.बालों पर सबसे पहले प्रभाव पड़ता है , जैसे की , समय से पहले बालों का सफ़ेद हो जाना. सिर के बीच के हिस्से से बालों का कम होना , हर कार्य में नाकामी हाथ लगाना , घर में हमेशा कलह रहना ,बीमारी घर के सदस्यों को चाहे छोटी हो या बड़ी घेरे रखती है , यह सब लक्षण पितृ दोष घर में है इसको बताते है. और अगर घर में पितृ दोष है तो किसी भी सदस्य को सफलता आसानी से हाथ नहीं लगती.घर के सभी लोग आपस में झगड़ते है , घर के बच्चों के विवाह देरी से होते है , और काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है विवाह करने में , घर में धन ना के बराबर रुकेगा अगर पितृ दोष हावी है तो ,बीमारी या फिर क़र्ज़ देने में धन चला जायेगा जुड़ा हुआ धन पुरानी चीजे ठीक कराने में धन निकल जायेगा पर रूकेगा नहीं.
परिवार की मान और प्रतिष्ठा में गिरावट आती है , पितृ दोष के कारण घर में पेड़-पौधे या फिर जानवर नहीं पनप पाते. घर में शाम आते आते अजीब सा सूनापन हो जायेगा जैसे की उदासी भरा माहौल, घर का कोई हिसा बनते बनते रह जायेगा या फिर बने हुए हिस्से में टूट-फूट होगी , उस हिस्से में दरारे आ जाती है.
घर का मुखिया बीमार रहता है. रसोई घर के आस – पास वाली दीवारों में दरार आ जाते है. जिस घर में पितृ दोष हावी होता है उस घर से कभी भी मेहमान संतुष्ट होकर नहीं जायेंगे चाहे आप कुछ भी क्यूँ न कर ले या फिर कितनी ही खातिरदारी कर ले , मेहमान हमेशा नुक्स निकाल कर रख देंगे यानी की मोटे तौर पर आपकी इज्ज़त नहीं करेंगे.घर में चीजें और साधन होते हुए भी घर के लोग खुश नहीं रहते. जब पैसे की जरुरत पड़ती है तो पैसा मिल नहीं पाता. ऐसे घर के बच्चों को उनकी नौकरी या फिर कारोबार में स्थायित्व लम्बे समय बाद ही हो पाता है , बच्चा तेज़ होते हुए भी कुछ जल्दी से हासिल नहीं कर पायेगा ऐसी परिस्थितियाँ हो जायेंगी.जिस घर में पितृ दोष होता है उस घर में भाई-बहन में मन-मुटाव रहता ही रहता है , कभी कभी तो परिस्थितियाँ ऐसी हो जाती है की कोई एक दूसरे की शकल तक देखना पसंद नहीं करता. पति-पानी में बिना बात के झगड़ा होना भी ऐसे घर में स्वाभाविक है जिस घर में पितृ दोष हो.ऐसे घर के लोग जब एक दूसरे के साथ रहेंगे तो हमेशा क्लेश करके रखेंगे परन्तु जैसे ही एक दूसरे से दूर जायेंगे तो प्रेम से बात करेंगे.जिस घर में जानवरों के साथ बुरा सुलूक किया जाता है उस घर में पितृ दोष आना स्वाभाविक है. और जो जानवरों के साथ बुरा सुलूक करते है वह ही नहीं अपितु उनका पूरा परिवार और उनकी संतान पर पितृ दोष के बुरे प्रभाव के हिस्सेदार जाने-अनजाने में बन जाते है.जिस घर में विनम्र रहने वाले व्यक्ति का अपमान होता है वह घर पितृ दोष से पीड़ित होगा , साथ में जो लोग कमजोर व्यक्ति का अपमान करेंगे वह भी पितृ दोष से प्रभावित होंगे.