चौंकाने वाली ख़बर : मुज़फ़्फ़रपुर कांड को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल...

चौंकाने वाली ख़बर : मुज़फ़्फ़रपुर कांड को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दी दखल।

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हाल ही में प्राप्त जानकारी के अनुसार बिहार में एक बेहद खास मुद्दे ने जोर पकड़ लिया है। जिसको लेकर यह बात सामने आ रही है कि बिहार के मुजफ्फरपुर में बालिका गृह यौन शोषण कांड मामले को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव का धरना और विरोध प्रदर्शन जारी है।

आरजेडी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोला और तेजस्वी यादव के साथ उनके बहन मीसा भारती व शरद यादव के अलावा कई अन्य सियासी पार्टियों के बड़े नेता जंतर-मंतर पहुंचे।

इस बीच यह बात हुई है चौकाने वाली रही जब दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी धरने में शामिल हुए। मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड को लेकर सियासत जारी है। केजरीवाल ने कहा कि मुजफ्फरपुर कांड की जांच 3 महीने के अंदर करवाई जाए और दोषियों को फांसी दी जाए।

उन्होंने कहा कि कई पार्टियों के नेता मुजफ्फरपुर कांड में शामिल हैं, निर्भया कांड के बाद यूपीए का सिंहासन डोला था, यहां तो कई बच्चियों के साथ गंदी हरकत हुई है। केजरीवाल ये यह भी कहा कि बिहार में 40 निर्भया के साथ अत्याचार हुआ है।

इस बीच तेजस्वी यादव ने कहा है कि कि बाल आयोग की रिपोर्ट के बाद भी मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई। टाटा इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट आने के 2 महीने बाद एफआईआर दर्ज की गई और उसमें भी मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर का नाम गायब था। हमारी मांग है कि ब्रजेश ठाकुर को फांसी की सजा दी जाए। पिछले एक साल में बिहार में क्राइम बढ़ा है, गैंगरेप के कई केस लगातार सामने आए हैं।

इससे पहले तेजस्वी यादव धरने को गैर राजनीतिक करार देते हुए सभी लोगों से इसमें शामिल होने की अपील की थी। तेजस्वी ने ट्वीट कर धरने की जानकारी दी। अपने ट्वीट में तेजस्वी ने कहा- ‘मुजफ्फरपुर में प्रायोजित और नीतीश सरकार द्वारा संरक्षित जघन्य संस्थागत जन बलात्कार के खिलाफ हम शनिवार को जंतर-मंतर पर धरना करेंगे।’

तेजस्वी ने कहा कि वह मंच से इन जघन्य अपराध पर जवाब मांगेंगे। तेजस्वी के मुताबिक, मुजफ्परपुर कांड की वजह से पूरा देश शर्मसार हुआ है। तेजस्वी ने कहा कि दिल्ली में धरना आयोजित कर पीड़ित लड़कियों के लिए न्याय की मांग करेंगे, साथ ही देश की जनता से पीड़ितों के लिए न्याय के पक्ष में खड़ा होने की मांग करेंगे।

मुजफ्फरपुर में बालिका गृह में नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म की घटना का रहस्योद्घाटन टाटा इंस्टीट्यूट आफ सोशल साइंस मुंबई की ऑडिट रिपोर्ट से हुआ था, जिसे इंस्टीट्यूट ने राज्य समाज कल्याण विभाग को दिया था।

इस बालिका गृह को बृजेश ठाकुर का एनजीओ चला रहा था। एनजीओ को सरकार से आर्थिक मदद मिलती थी। इन मामले में गत मई में बृजेश ठाकुर सहित 11 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज हुई थी। बिहार सरकार ने फिलहाल मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी है और सीबीआइ ने जांच शुरू कर दी है।