द्रमुक अध्यक्ष एम करुणानिधि ने कहा दुनिया को अलविदा, जानिए कैसी रही...

द्रमुक अध्यक्ष एम करुणानिधि ने कहा दुनिया को अलविदा, जानिए कैसी रही उनकी अंतिम यात्रा।

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तमिलनाडु के पूर्व CM और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के प्रमुख एम करुणानिधि के निधन के बाद देशभर की राजनीतिक, फिल्म जगत और सामाजिक क्षेत्रों से जुड़ी हस्तियां उनके आखिरी दर्शन के लिए चेन्नई पहुंची, वहीं उनके समर्थकों का भी जन सैलाब उमड़ा हुआ था।

राजधानी चेन्नई के कावेरी हॉस्पिटल में मंगलवार शाम 6:10 पर तमिलनाडु के पूर्व CM एम करुणानिधि के निधन के बाद शोक की लहर फैल गई थी। पूर्व CM और द्रमुक के प्रमुख के निधन के बाद राज्य सरकार के द्वारा एक दिन का अवकाश पर 7 दिनों का राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। वहीं उनके सम्मान में बुधवार को राजधानी में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका भी रहा।

तमिलनाडु के पूर्व CM और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम एम करुणानिधि के निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर को उनके आवास लाया गया। यहां के राजाजी हाल में अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को रखा गया। वहीं बुधवार को देशभर में राजनीतिक हस्तियों का तांता भी लगा हुआ था। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी एम करुणानिधि के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे। राजधानी चेन्नई के हवाई अड्डे पर पहुंचने पर राज्य के CM ई पलानीस्वामी ने उन्हें रिसीव किया। वही उसके बाद वह राजाजी हॉल के लिए वहां से प्रस्थान कर गए।

तमिलनाडु की राजनीति और दशा दिशा बदलने वाले पूर्व मुख्यमंत्री और द्रमुक अध्यक्ष एम करुणानिधि का मंगलवार शाम को राजधानी चेन्नई के कावेरी हॉस्पिटल में शाम 6:10 पर उनका निधन हो गया था। इससे पहले उनकी बेटी कनिमोझी हॉस्पिटल से रोते हुए बाहर निकली। जिसके बाद अस्पताल के बाहर मौजूद हजारों समर्थक भी बिलख-बिलख कर रोने लगे थे। कावेरी हॉस्पिटल की ओर से जारी किए गए बयान में यह कहा गया था कि डॉक्टर और नर्सों ने उन्हें बचाने की पूरी पूरी कोशिश की लेकिन करुणानिधि को नहीं बचाया जा सका। साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि उनकी पल्स रेट सोमवार को ही ना के बराबर चल रही थी।

पिछले 10 दिनों से अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती थे। अस्पताल के अनुसार उनके कई जरूरी अंग ठीक से काम नहीं कर रहे थे। अस्पताल के कार्यकारी निर्देशक डॉक्टर अरविंदन सेल्वाराज ने कहा द्रमुक अध्यक्ष के स्वास्थ्य की लगातार निगरानी की जा रही थी और उनको मेडिकल सपोर्ट पर उन्हें रखा गया था। लाख कोशिश के बाद उन्हें बचाया नहीं जा सका।