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Fact Check : लौंग, कपूर और अजवायन सूंघने से बढ़ता है ऑक्सीजन लेवल, क्या कहते हैं डॉक्टर

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Fact Check : लौंग, कपूर और अजवायन सूंघने से बढ़ता है ऑक्सीजन लेवल, क्या कहते हैं डॉक्टर

सार

अजवायन, कपूर, लौंग और नीलगिरी का मिश्रण बंद नाक को खोलने में सहायक है। इस मिश्रण की पोटली को सूंघने से बंद नाक खुल जाते हैं।

FACT CHECK

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विस्तार

सोशल मीडिया पर एक मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि कपूर, लौंग और अजवाइन का मिश्रण में नीलगिरी के तेल मिलाकर पोटली बनाकर सूंघने से ऑक्सीजन लेवल बढ़ता है। हैरान करने वाली बात यह है कि इस वायरल मैसेज को केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी अपने फेसबुक वॉल पर शेयर किया है। उसके बाद कई अन्य लोग भी इस मैसेज को खूब शेयर कर रहे हैं, लेकिन क्या इसमें कोई सच्चाई है भी या नहीं, आइए जानते हैं…

मुख्तार अब्बास नकवी ने क्या पोस्ट किया?
मुख्तार अब्बास नकवी ने फेसबुक पर ‘सेहत की पोटली’ कैप्शन के साथ एक फोटो शेयर की है जिसमें एक पोटली में लौंग, अजवायन और तीन पोटलियां दिख रही हैं। साथ में एक खुली पोटली दिख रही है जिसमें लौंग और अजवायन दिख रहे हैं। नीचे अंग्रेजी में लिखा है, ‘Camphor, lavang, ajwain, few drops eucalyptus oil. Make potli and keep smelling it throughout the day. This helps increase oxygen levels and congestion. This potli is given to tourists in Ladakh when oxygen levels are low. It’s a home remedy.’

हिंदी अनुवाद करें तो ‘कपूर, लौंग और अजवाइन का मिश्रण बनाकर इसमें कुछ बूंदे नीलगिरी के तेल को मिलाकर इस तरह की पोटली बना लें और अपने दिनभर के कामकाज के दौरान बीच-बीच में सूंघते रहें…यह ऑक्सीजन लेवल बनाए रखने में मदद करता है..! इस तरह की पोटली लद्दाख में पर्यटकों को दी जाती है जब ऑक्सीजन लेवल कम होता है..!’

तीन कपूर की टिकिया, पांच लोंग और एक चम्मच अंजवाईन..

कपूर की टिकिया को तोड़ कर रुई में लपेट कर चूरा कर दे.रुई समेत बाकी के साथ पोटली में बांध कर सुंघे, फेफड़ा साफ रहेगा. शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ेगा

यह पोटली लद्दाख में पर्यटकों को दी जाती है जब ऑक्सीजन का स्तर कम होता है।

बंद नाक,सांस लेने में तकलीफ और छींक आने जैसी समस्याओं का बेहतरीन उपाय है देसी कपूर।

अजवाइन,लौंग और देसी कपूर की एक सफेद सूती कपड़े में पोटली बनाएं और जब ज़रूरत महसूस हो उसे सूंघें।

पर्वतारोही पहाड़ों पर अपने साथ देसी कपूर रखते हैं जो ऑक्सीजन की कमी महसूस होने पर काम आती है। 

मैसेज में क्या है दावा?
वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है, ‘कपूर, लौंग, अजवाईन, कुछ बूंदे नीलगिरी के तेल की पोटली बनाएं और इसे दिन और रात भर सूंघते रहें। ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है। यह पोटली लद्दाख में पर्यटकों को तब दी जाती है जब ऑक्सीजन का स्तर कम होता है। यह एक घरेलू उपाय है…कृपया शेयर करें।’ इस मैसेज को कई अन्य यूजर ने भी ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सएप पर शेयर किया है।

कपूर, लौंग, अजवाईन, कुछ बूंदे नीलगिरी के तेल की पोटली बनाएं और इसे दिन और रात भर सूंघते रहें। ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है।

यह पोटली लद्दाख में पर्यटकों को तब दी जाती है जब ऑक्सीजन का स्तर कम होता है।

Camphor, lavang, ajwain, few drops eucalyptus oil. Make potli and keep smelling it throughout the day. This helps increase oxygen levels & congestion.

This potli is given to tourists in Ladakh when oxygen levels are low.

दावे की सच्चाई क्या है?

इस संबंध में दिल्ली स्थित आर्य वैद्यशाला कोट्टाक्कल (Arya Vaidya Sala Kottakkal) के चिकित्सक अनूप पी से बात की। डॉक्टर अनूप ने बताया कि यह दावा सही है। अजवायन, कपूर, लौंग और नीलगिरी का मिश्रण बंद नाक को खोलने में सहायक है। इस मिश्रण की पोटली को सूंघने से बंद नाक खुल जाते हैं। फेफड़ों की जकड़न कम होती है और ऑक्सीजन लेवल में भी सुधार होता है।