WHO ने जारी की अब नमक खाने पर गाइडलाइन, बताया दिनभर में...

WHO ने जारी की अब नमक खाने पर गाइडलाइन, बताया दिनभर में 5 ग्राम से ज्‍यादा खाया तो शरीर के ये अंग होंगे खराब

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WHO ने जारी की अब नमक खाने पर गाइडलाइन, बताया दिनभर में 5 ग्राम से ज्‍यादा खाया तो शरीर के ये अंग होंगे खराब

Purnima Singh | Navbharat Times | Updated: 07 May 2021, 09:51:54 AM

WHO ने पूरे देश में सोडियम यानि नमक की खपत के लिए नए मानक जारी किए हैं। संगठन ने हर व्यक्ति के लिए दिन में मात्र 5 ग्राम नमक का सेवन करने की सिफारिश की है।

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नमक के बिना भोजन एकदम बेस्वाद लगता है। इसमें कोई दोराहे नहीं है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि नमक का ज्यादा सेवन करने से क्या होता है। WHO के हाल ही के अध्ययन में कहा गया है कि अतिरिक्त नमक खाने से हर साल 3 मिलियन लोगों की मौत होती है। अब इस संख्या को कम करने के लिए संगठन ने लोगों को दिन में मात्र 5 ग्राम नमक का सेवन करने के लिए कहा है।

इसके साथ खाद्य पर्यावरण में सुधार और जीवन को बचाने के लिए 60 से ज्यादा फूड कैटेगरीज में सोडियम लेवल के लिए नए मानदंड तैयार किए हैं। माना जा रहा है कि ये बेंचमार्क 2025 तक नमक की खपत में 30 प्रतिशत तक कमी लाएगा।

WHO की मानें, तो हम सभी जरूरत से दो गुना ज्यादा नमक खा रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार सोडियम और पोटेशियम का संतुलन हमारे शरीर में जरूरी है। कम पोटेशियम के साथ ज्यादा सोडियम के सेवन से स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है। भोजन में नमक की ज्यादा मात्रा से ब्लड प्रेशर, हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है, वहीं ये हड्डियों को भी कमजोर बना देता है।

​लोग हर दिन खाते हैं 9-12 ग्राम नमक

-9-12-

एक स्वस्थ प्लाज्मा बनाने और तंत्रिका के स्वास्थ्य में सुधार के लिए नमक का सेवन जरूरी माना गया है। यह प्रोसेस्ड फूड, पैकेज्ड फूड , डेयरी और मांस जैसी फूड कैटेगरीज में ज्यादा पाया जाता है। हालांकि, मसालों, नमकीन में भी इसकी मात्रा बहुत होती है।

WHO के आंकड़ों के अनुसार, ज्यादातर लोग औसतन हर दिन 9-12 ग्राम नमक का सेवन करते हैं। संगठन ने यह अनुमान लगाया है कि अगर नमक की खपत को अनुशांसित स्तरों तक घटा दिया जाए , तो वैश्विक स्तर पर 2.5 मिलियन मौतों को रोका जा सकता है।

​नए बेंचमार्क के पीछे की असल वजह

संगठन के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, 60 से ज्यादा फूड कैटेगरीज में सोडियम लेवल के लिए बनाए गए मानदंड देशों को नमक का सेवन कम करने और लोगों के जीवन को बचाने में मदद करेंगे। संगठन का विचार उन जगहों पर सोडियम का सेवन कम करने का है, जहां प्रोसेस्ड फूड आइटम्स की खपत ज्यादा होती है। बता दें, इस पहल को अमेरिकी उपभोक्ता वकालत समूह और जनहित में विज्ञान केंद्र द्वारा समर्थित किया गया है।

​नमक के फायदे और दुष्प्रभाव-

हम सभी जानते हैं कि नमक हमारे दैनिक आहार का जरूरी हिस्सा है। इसका बिना हर भोजन अधूरा है। इसके सेवन से शरीर को काम करने में मदद मिलती है। यह शरीर को न केवल हाइड्रेट रखता है, बल्कि थायराइड को ठीक से काम करने में भी मदद मिलती है।

इतना ही नहीं, जिन लोगों को लो बीपी की शिकायत रहती है उनके लिए नमक का सेवन बहुत फायदेमंद है । यह सिस्टिक फाइब्रोसिस के लक्षणों में सुधार करता है। लेकिन इसे जरूरत से ज्यादा लिया जाए, तो जाने-अनजाने में सेहत को बहुत नुकसान पहुंचता है। यह दिल की बीमारी, स्ट्रोक, हाई बीपी और किडनी रोग का खतरा कई गुना बढ़ा सकता है।

​नमक के बारे में गलत धारणा-

संगठन ने नमक की कमी के बारे में कुछ मिथकों और भ्रांतियों को भी स्पष्ट किया है। कई लोग मानते हैं कि पसीना आने के बाद नमक ज्यादा खाना चाहिए। जबकि ये गलत है। पसीने के बाद केवल हाइड्रेशन की जरूरत होती है। बहुत ज्यादा नमक खाने से किसी भी उम्र में ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।

​फूड कैटेगरीज और सोडियम की मात्र

WHO सोडियम बेंचमार्क अलग-अलग पैक्ड और प्रोसेस्ड फूड आइटम्स जैसे पैक ब्रेड, नमकीन स्नैक्स, मीट प्रोडक्ट्स और पनीर में सोडियम सामग्री की कमी के बारे में 5 मई को प्रकाशित हुआ है।

दिशा-निर्देशों के अनुसार, 100 ग्राम के आलू के चिप्स में ज्यादा से ज्यादा 100 ग्राम सोडियम होना चाहिए। जबकि पाई और पेस्ट्री में 120 ग्राम तक और प्रोसेस्ड मीट में 30 मिग्रा तक सोडियम होना अच्छा है।