गंभीर मामला : जूही चावला की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई।

गंभीर मामला : जूही चावला की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई।

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न्यायाधीश रंजन गोगोई, नवीन सिन्हा और के एम जोसेफ की पीठ ने जूही चावला मेहता तथा अन्य द्वारा दायर याचिका को अन्य याचिकाओं के साथ जोड़ दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि वह बॉलीवुड अभिनेत्री जूही चावला मेहता तथा अन्य लोगों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करेगा।

यह याचिका मोबाइल टॉवरोंसे होने वाले विकिरण से जुड़ी है। शीर्ष अदालत मोबाइल टॉवर विकिरण तथा इसी मुद्दे पर लंबित अन्य याचिकाओं को एक साथ लेगी।

न्यायाधीश रंजन गोगोई, नवीन सिन्हा और के एम जोसेफ की पीठ ने जूही चावला मेहता तथा अन्य द्वारा दायर याचिका को अन्य याचिकाओं के साथ जोड़ दिया है। जूही चावला बॉम्बे हाईकोर्ट में दाखिल की गई अपनी याचिका को स्थानांतरित कराने के लिए शीर्ष अदालत में पहुंची थीं।

उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि हाईकोर्ट ने कहा है कि चूंकि शीर्ष अदालत ने मामले का संज्ञान लिया है तो वह वहां से फैसला आने के बाद ही उनकी याचिका को लेगी।

जूही चावला ने अपनी याचिका में स्वास्थ्य खतरों को कम से कम करने के लिए विकिरण को कम करने के नियमन तय किए जाने की अपील की है।

बीते फरवरी माह में जूही चावला ने मोबाइल फोन की 5जी तकनीक को लेकर चिंता जताते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखा था।

उन्होंने मोबाइल टॉवर एंटीना तथा वाईफाई हॉटस्पॉट से निकलने वाली इलेक्ट्रोमेग्नेटिक रेडिएशन (ईएमएफ) के कारण सेहत को पहुंचने वाले नुकसान के प्रति चेतावनी दी थी। उनका कहना था कि लोगों की सेहत पर रेडियोफ्रिक्वेंसी के संभावित हानिकारक प्रभावों का विश्लेषण किए बगैर इसे लागू नहीं करना किया जाना चाहिए।

जूही ने पूछा था कि क्या इस नई तकनीक पर क्या पर्याप्त शोध किया गया है?

पत्र में 50 वर्षीय अभिनेत्री ने लिखा था, “राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई वैज्ञानिकों, महामारी विशेषज्ञों और प्रौद्योगिकी के प्राध्यापकों ने मानव सेहत पर रेडियोफ्रिक्वेंसी रेडिएशन के हानिकारक प्रभावों का उल्लेख किया है।

5जी तकनीक लागू करने पर ‘बिना सोचे-विचारे’ काम करना शुरू कर दिया है। अगर हुआ है तो कब और कहां हुआ, कितना लंबा चला, इसके लिए पैसा कहां से आया।

शोध हुआ तो क्या उसका प्रकाशन होगा।” अभिनेत्री ने यह दावा भी किया कि टेलीकम्युनिकेशन विभाग के दिशा-निर्देशों की उपेक्षा करके इमारतों पर मोबाइल टॉवर एंटीना लगाए जा रहे हैं।