दिल्ली-एनसीआर समेत कई शहरों में भयंकर बारिश से मची तबाही, सभी ओर...

दिल्ली-एनसीआर समेत कई शहरों में भयंकर बारिश से मची तबाही, सभी ओर हुआ हुआ पानी – पानी।

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दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार शाम हुई बारिश से मौसम सुहाना हो गया। मौसम विभाग ने पहले ही बारिश का अनुमान जाहिर किया था। बता दें कि दिल्ली के कई इलाकों में बुधवार सुबह भी तेज़ बारिश हुई थी।

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने बारिश के बाद हुए जाम के मद्देनजर लोगों को कई रास्तों से बचने की सलाह दी है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ट्वीट कर कहा है कि भारी बारिश से कई इलाकों में पानी जमा हो गया है, जिससे ट्रैफिक जाम लग गया है।

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ट्वीट कर बताया कि लोनी गोल चक्कर के इलाके में पानी जमा हो गया है, जिससे ट्रैफिक काफी स्लो गई है। इसके अलावा प्रगति मैदान, लक्ष्मीनगर, दुर्गापुरी चौक, बिहारी कॉलोनी के पास नाला रोड पर भी पानी जमा हो गया है। इसके अलाव सदर बाजार और जेएलएन मार्ग के पास भी जलजमाव के कारण दिल्ली की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है।

उधर, उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त संजय कुमार ने मौसम विभाग (लखनऊ) द्वारा जारी की गई 6 सितंबर तक भारी बरसात की चेतावनी के मद्देनज़र सभी जिला मजिस्ट्रेटों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। मौसम विभाग ने राज्य के 20 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी।

मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर प्रदेश के मध्य भाग और उससे लगे उत्तरी मध्य प्रदेश में ऊपरी चक्रवाती हवाओं का घेरा बनने के कारण राज्य में बारिश का दौर जारी है।

मौसम पूर्वानुमानकर्ता स्काइमेट की ओर से सोमवार को जारी साप्ताहिक अनुमान के अनुसार, इस सप्ताह देश के उत्तरी और पूर्वी हिस्से के अधिकांश राज्यों में मानसून सक्रिय रहेगा।

स्काइमेट के अनुसार, उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पंजाब के कुछ हिस्सों, हरियाणा और पूर्वी राजस्थान में पांच सितंबर तक कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश होगी।

कुछ जगहों पर भारी वर्षा भी हो सकती है। पांच सितंबर के बाद दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में बारिश कम हो जाएगी, लेकिन 7 सितंबर तक हल्की बारिश की गतिविधियां बनी रहेंगी।

मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, 7 सितंबर के बाद उत्तर भारत के अधिकांश भागों में मौसम मुख्यत: शुष्क हो जाएगा। जम्मू एवं कश्मीर में अगले दो-तीन दिनों के दौरान हल्की बारिश हो सकती है।

स्काइमेट ने कहा कि मध्य भारत में मध्य प्रदेश के उत्तरी हिस्से और छत्तीसगढ़ के कई जगहों पर पांच सितंबर तक मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। उसके बाद बारिश में कमी आएगी और अगले कुछ दिनों तक महज हल्की वर्षा ही देखने को मिलेगी।

वहीं, बारिश के फिर से 8 या 9 सितंबर से छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्य प्रदेश में बढ़ने की उम्मीद है। गुजरात और महाराष्ट्र के अधिकांश भागों में इस सप्ताह मौसम मुख्य रूप से शुष्क बना रहेगा। हालांकि विदर्भ और कोंकण गोवा क्षेत्र में एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा की संभावना बनी रहेगी।

पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में पांच सितंबर तक मध्यम से भारी बारिश जारी रहने की संभावना है, जबकि छह सितंबर से पूर्वी उत्तर प्रदेश में बारिश में व्यापक कमी आ जाएगी। बिहार और झारखंड में कई जगहों पर मध्यम और एक-दो स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।

मौसम विभाग ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल के गंगा तट वाले क्षेत्र में भारी बारिश की चेतावनी जारी की। मौसम विभाग ने बताया कि बंगाल की उत्तर-पश्चिमी खाड़ी और समीप के पश्चिम बंगाल एवं उत्तरी तटीय ओडिशा पर भारी दबाव के कारण भारी बारिश हो सकती है।

मौसम विभाग ने बताया कि इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा की तरफ बढ़ने की संभावना है तथा यह दीघा के समीप पश्चिम बंगाल के तट को पार कर जाएगा।

फिर वह पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की तरफ बढ़ते हुए धीरे-धीरे कमजोर होकर कम दबाव वाले क्षेत्र में चला जाएगा। मौसम की इस स्थिति के चलते दक्षिण 24 परगना, पूर्वी और पश्चिमी मिदनापुर, पुरुलिया, बांकुड़ा और झारग्राम के एक या दो जगहों पर भारी बारिश की संभावना है।

बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने कम दवाब के क्षेत्र के चलते गुरुवार को ओडि‍शा के कई हिस्सों में भारी बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया।

अधिकारियों ने बताया कि कम दवाब के क्षेत्र की वजह से शुक्रवार तक भारी बारिश होने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि जगतसिंहपुर, पुरी, कटक, केंद्रपाड़ा, जाजपुर, भद्रक और खुर्दा सहित प्रदेश के कई इलाकों में मंगलवार से भारी बारिश हो रही है।

उन्होंने बताया कि कटक प्रशासन ने गुरुवार को सभी शिक्षण संस्थानों को बंद रखने की घोषणा की है। बंदरगाह शहर पाराद्वीप में जनजीवन थम गया है और यहां बुधवार से प्रदेश में सबसे अधिक 412 मिमी बारिश दर्ज की गयी है।

उन्होंने बताया कि कोणार्क के प्रसिद्ध सूर्य मंदिर के आसपास के क्षेत्र में घुटने तक पानी भर गया है जबकि पुरी में कई स्थानों पर जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है।

क्षेत्रीय मौसम केंद्र के निदेशक एच आर विश्वास ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बने कम दवाब के क्षेत्र के अगले 24 घंटे में कमजोर पड़ने की संभावना है।