बड़ी खबर : सुशील मोदी ने आरजेडी के नेताओं पर कसा तंज।

बड़ी खबर : सुशील मोदी ने आरजेडी के नेताओं पर कसा तंज।

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सुशील कुमार मोदी ने अलकतरा घोटाला में कोर्ट द्वारा पूर्व सड़क मंत्री इलियास हुसैन समेत अन्य आरोपियों को सजा सुनाने के फैसले का स्वागत किया।

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने अलकतरा घोटाला में कोर्ट द्वारा पूर्व सड़क मंत्री इलियास हुसैन समेत अन्य आरोपियों को सजा सुनाने के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि कोर्ट के फैसले से स्पष्ट हो गया कि 90 के दशक में प्रदेश की सड़कें क्यों बदहाल थीं।

उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री पर आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। इसके लिए वह सीबीआई को अलग से पत्र लिखकर इसकी मांग करेंगे।

वहीं, उन्होंने आरजेडी और लालू परिवार पर तंज कसते हुए कहा कि जिस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष खुद सजायाफ्ता है, उसमें अलकतरा घोटाले के सजायाफ्ता पर किसी तरह की कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं है।

एक सजायाफ्ता, दूसरे सजायाफ्ता को पार्टी से कैसे निकाल सकता है। यह कैसी पार्टी है, जिसमें आधे जेल में हैं और आधे जाने की कगार पर हैं।

मो. शहाबुद्दीन, राजवल्लभ यादव समेत अन्य जेल में बंद है, तो तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती की तीन दर्जन से ज्यादा संपत्ति जब्त हो चुकी है। ये सभी चार्जशीटेड हैं और जेल जाने की लाइन खड़े हैं।

कांग्रेस पर हमला करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि लालू राज में जो सड़के गड्ढे में तब्दील हो चुकी थीं। इस भ्रष्टाचार में कांग्रेस भी बराबर की हिस्सेदार है।

क्या ऐसे लोग देश और राज्य के विकल्प बन सकते हैं। उन्होंने अलकतरा घोटाला के बारे में कहा कि यह 200 करोड़ का घोटाला था।

अलकतरा की खरीद 14 प्रतिशत से बढ़कर 93।70 प्रतिशत हो गयी। उस समय विधानसभा में पूर्व मंत्री ने बताया था कि 1991 से 1995 के बीच दो लाख 21 हजार मेट्रिक टन अलकतरा बिहार को प्राप्त हुआ था। जबकि, पेट्रोलियम मंत्रालय के अनुसार, तीन लाख 14 हजार मेट्रिक टन अलकतरा बिहार को आपूर्ति करवायी गयी थी।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि उस समय जब इस घोटाला पर हंगामा मचा, तो आनन-फानन में इसकी लीपापोती करने के लिए विधान मंडल की संयुक्त जांच समिति का गठन कर दिया गया। इसका संयोजक पशुपालन घोटाला के एक अभियुक्त को बना दिया गया।

बाद में भाजपा की तरफ से सुशील कुमार मोदी ने इस मामले में उच्च न्यायालय में पीआईएल दाखिला किया। वर्तमान केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद इस याचिका के वकील थे।