यूपी के इलाहाबाद बैंक में देखने को मिला अजीबोगरीब वाक्या।

यूपी के इलाहाबाद बैंक में देखने को मिला अजीबोगरीब वाक्या।

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नाम एक…ब्रांच एक…और पार्वती देवी का पूरा पैसा किसी दूसरी पार्वती देवी को मिल गया। कुछ ऐसा ही देखने को मिला यूपी के इलाहाबाद बैंक की एलन गंज शाखा में।

इलाहाबाद बैंक की एलनगंज शाखा के प्रबंधक ए.के. सिंह ने बताया, हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि रकम की वापसी हो जाए। फिलहाल करनपुर निवासी पार्वती देवी को सही खाता संख्या के साथ नई पासबुक दे दी गई है।

एक ही नाम की दो महिलाएं। दोनों एक ही समय में बैंक पहुंची। जगह थी इलाहाबाद बैंक की एलनगंज शाखा और महिलाओं के नाम थे पार्वती देवी। खातों में हुई अदला बदली से एक बुजुर्ग महिला को नुकसान हो गया और उन्हीं की हमनाम दूसरी महिला लखपति बन गई।

बैंकों में एक व्यक्ति की रकम किसी दूसरे के खाते में चले जाने या खाता संख्या लिखने में एकाध अंक गलत होना कोई बड़ी बात नहीं है। ऐसे में बैंक ने पार्वती देवी नाम की एक महिला की खाता संख्या इसी नाम की एक दूसरी महिला को पासबुक में प्रिंट करके दे दिया।

बैंक के एक अधिकारी ने बताया कि छोटा बघाड़ा की रहने वाली पार्वती देवी का खाता इस बैंक में था। वहीं करनपुर प्रयाग स्टेशन की रहने वाली पार्वती देवी ने इसी वर्ष जनवरी में इस बैंक में खाता खुलवाया था। ऐसे में बैंक ने बघाड़ा की रहने वाली पार्वती की खाता संख्या करनपुर प्रयाग की पार्वती देवी की पासबुक में प्रिंट कर दी।

रकम का एक बड़ा हिस्सा बेटे की इलाज में खर्च दिया
इसका नतीजा यह हुआ कि एक पार्वती के खाते में आई रकम को दूसरी पार्वती ने निकाल लिया।

उन्होंने बताया कि छोटा बघाड़ा में रहने वाली पार्वती देवी ने शुरू में तो पैसे निकालने से इंकार किया, लेकिन जब उनसे कड़ाई से पूछताछ की गई तो उन्होंने मान लिया कि खाते में आई रकम का एक बड़ा हिस्सा उन्होंने अपने बेटे के इलाज में खर्च कर दिया। बघाड़ा की रहने वाली पार्वती बहुत गरीब हैं और घरों में झाड़ू पोछा करने का काम करती हैं।

वहीं करनपुर, प्रयाग स्टेशन की रहने वाली पार्वती देवी ने बताया कि जीवन बीमा की एक पालिसी का पैसा लेने के लिए उन्होंने इसी साल 20 जनवरी को इलाहाबाद बैंक की एलनगंज शाखा में 1,000 रुपए से अपना बचत खाता खुलवाया था।

बैंक जाकर पता चला कि खाते से 80,000 रुपए निकाले गए हैं
उन्होंने बताया कि पासबुक पर मेरी फोटो लगी थी और एक अकाउंट नंबर लिखा था।

मैंने खाते का ब्योरा सही मानकर इसे एलआईसी दफ्तर में दे दिया और पिछले 23 मार्च को एलआईसी ने 1,62,000 रुपए की रकम उस खाते में डाल दी।

हालांकि इस बारे में मैंने बाद में बैंक जाकर पता नहीं किया, लेकिन जुलाई के अंत में जब मेरी बहू 1,000 रुपए जमा करने बैंक गई और उसने पासबुक अपडेट कराई तो खाते से कुल 80,000 रुपए निकलने की बात पता चली।

बैंक के कई चक्कर लगाने के बाद पता चला कि पैसे जमा करने के लिए मुझे जो एकाउंट नंबर दिया गया था वह दूसरी पार्वती देवी के थे।

छोटा बघाड़ा निवासी पार्वती देवी ने एक मई को 5,000 रुपए से निकासी शुरू की और जुलाई तक कुल 80,000 रुपए निकाल लिए। हालांकि शिकायत मिलने पर बैंक ने उसके खाते पर रोक लगा दी जिससे बाकी की रकम निकलने से बच गई।

इलाहाबाद बैंक की एलनगंज शाखा के प्रबंधक ए.के. सिंह ने बताया, हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि रकम की वापसी हो जाए। फिलहाल करनपुर निवासी पार्वती देवी को सही खाता संख्या के साथ नई पासबुक दे दी गई है।